मनका-15
|| पूरे देश भर में अंग्रेजों ने चाय 3 बरस तक मुफ्त में चलाई है||
गुरु जी कहते थे हम संध्या के समय मिलिट्री में जब भजन गाया करते थे तो अंग्रेजों को यह पता चल गया की पलटन में कोई बाबा है जो भजन गाता है. उन्होंने हमें बुलाया और कहा के बाबा हमें भी भजन सुनाओ. हमने 1-2 भजन गा दिए तो वे प्रसन्न हो गए और उन्होंने एक बड़ा मग्गा भर के चाय पीलेट में रख कर दी. हमने कहा यह क्या है, बोले पियो पियो. हमने कहा यह तो बड़ी गर्म है. तो बोले फूंक फूंक के पियो, पीलेट में डाल कर पी लो. और उन्होंने साथ में दो लंबे बिस्किट भी दिए. गुरु जी कहते थे बेटा तब से इसकी हमें लत लग गई. अंग्रेजों ने बड़ी मार मारी है. यह गर्म देश में गर्म पेय है. शरीर को नुकसान करती है धातु का नाश करती है. 30 बरस के उम्र के बाद पीनी चाहिये.
जबलपुर गाडरवारा जब रेलवे लाइन डल रही थी अंग्रेज तब डंका भर के खिचड़ी मुफ्त में बांटते थे. हमारी माता राम भी कुतूहल वश रेलवे लाइन देखने गई थी. हमने तो अंग्रेज औरतों को मुफ्त में चाय बांटते देखा है. कप प्लेट बजा बजाकर कहती थी – ए मैन कम हेव टी-Aye Man come have Tea. पूरे भारतवर्ष में अंग्रेजों ने रेलवे स्टेशनों पर मुफ्त में 3 बरस तक चाय बाटी है.
!!संकलन- तारानगर- पंछी तीर्थ!!
ब्रह्मलीन परमहंस संत श्री तूमीवाले दादा जी की जय!!
||गुरु -भक्ति -माला – 108||