मनका – 02
||सियाराम रघुरैया और पत्थर की चली नैय्या, सियाराम रघुरैया और तूमी की चली नैय्या||
तूमा,तूमी ,तुंबा,तुमड़ा ,तुमड़ी साधारण प्रकार की लौकी है. इसी लौकी का कमंडल बनता है. यही ब्रह्म कमंडल ब्रह्मा विष्णु महेश तीनों ने धारण किया है. वेद पुराणों में इसे प्रथम सतोगुण पात्र माना है तुमा सनातन धर्म का चिन्ह है. गुरुजी इसी का सरताज और माला धारण करते थे. इसीमें ही गुरु जी की सारी क्रियाएं होती थी नंबर 1 का पात्र कहते थे.
!!संकलन- तारानगर महा विश्वविद्यालय केंद्र
ब्रह्मलीन परमहंस संत श्री तूमीवाले दादा जी की जय!!