मनका-23
|| सात खंड नवद्वीप सद्गुरु डाली डोर और ता पर बंदा ना चढ़े तो क्या है सद्गुरु खोर||
एक अच्छा शिक्षक संपूर्ण कक्षा पर अपनी वाक्शक्ति और अपनी उपस्थिति द्वारा पकड़ बनाए रखता है. प्रथम पंक्ति और अंतिम पंक्ति मैं बैठे हुए विद्यार्थीयों पर भी उसकी दृष्टि बराबर पड़ती है. गुरु का ज्ञान तो सभी के लिए है तब भी अपनी-अपनी ज्ञान शक्ति के अनुसार शिष्य अलग-अलग अभिप्राय निकालते हैं. सत्य तो यह है श्रद्धा वान लभते ज्ञानम्. गुरु की उपस्थिति गुरु की सत्ता अत्यंत प्रभावशाली होती है.अपने अपने पूर्व जन्म के संस्कारों के अनुसार गुरु शिष्य परंपरा आगे बढ़ती है. इस धरा के भी सात खंड हैं शरीर के भी सात खंड हैं. इस धरा पर भी नवद्वीप हैं और इस शरीर में भी नवद्वीप है. पूर्व जन्मों के पुण्य स्वरूप इतने बड़े ब्रह्मांड में अगर किसी सतगुरु की प्राप्ति हो जाए तो उससे इस संसार सागर से निकलने का मार्ग तुरंत पता कर लेना चाहिए और उस पर चल पड़ना चाहिए. मार्ग बता देने पर भी अगर शिष्य उस रास्ते पर ना चले तो इसमें गुरु बेचारा क्या कर लेगा!
!!संकलन- तारानगर- पंछी तीर्थ!!
ब्रह्मलीन परमहंस संत श्री तूमीवाले दादा जी की जय!!
||गुरु -भक्ति -माला – 108||