मनका -35 || त्रिवाचा – खूंटी तो नहीं बांधेगा ||
त्रिवाचा – खूंटी तो नहीं बांधेगा
गुरुजी तूमी वाले बताते थे दादा भगवान ने उनसे कई त्रिवाचा हराय, याने उनसे 3 बार वचन लिए.
जैसे पहली बार पूछा ” लोहा बनेगा रे बच्चे?” हमने कहा , “बनेंगे गुरुजी”. दूसरी बार फिर पूछा ” लोहा बनेगा रे बच्चे?” हमने कहा , “बनेंगे गुरुजी” तीसरी बार फिर पूछा” लोहा बनेगा रे बच्चे?” हमने कहा , “बनेंगे गुरुजी”.
यह तीन की संख्या बड़ी महत्वपूर्ण है जीवन में. मनसा वाचा कर्मणा. दूसरी त्रिवाचा थी, “खूंटी तो नहीं बांधेगा रे बच्चे!” हमने तीन बार कहा,” नहीं बांधेगे गुरुजी!”
खूंटी बांधने का एक अर्थ है गृहस्थी फिर से बसाना और दूसरा अर्थ है किसी एक स्थान पर बंध जाना या फिर आश्रम धर्मशाला खोलकर एक प्रकार से मठाधीश वगैरह बन कर धंधा चालू करना.
// सीताराम सीताराम सीताराम सीता //
!!संकलन- तारानगर- पंछी तीर्थ!!
ब्रह्मलीन परमहंस संत श्री तूमी वाले दादा जी की जय!! दादा भगवान ठन ठन पाल की जय!! ||गुरु -भक्ति -माला – 108||