मनका-4
|| धूनी-पानी और संतों की बानी||
तारानगर पंछी तीर्थ में गुरु जी की कुटिया में धूनी स्थापित है. गुरु जी कहते थे सनातन धर्म का चिन्ह है धूनी पानी और संतों की बानी. यहां कुंभ का महत्तम है. यहां जो भी आएगा वह कुंभ का फल पाएगा.
गुरु जी कुंभ स्नान करके आए थे और रात में कुंभ लग्न में उन्होंने धूनी प्रज्वलित करने के लिए गड्ढा खुद वाया. लगभग 3 फीट नीचे एक उत्तर मुखी मिट्टी का घड़ा निकला जिसे वैसे ही रहने दिया. गुरुजी ने कहा कुंभ नाम मटका. यह ऊपर वाले ने लेन मिलाई है. हम धूनी यहीं बनाएंगे.
!!संकलन- तारानगर- पंछी तीर्थ!!
ब्रह्मलीन परमहंस संत श्री तूमीवाले दादा जी की जय!!