मनका-5
|| गंगा जमुना और सरस्वती तीनों नर्मदा में अपने पाप मोक्ष करने आती हैं||
नर्मदा नदी की महिमा अनंत है.नर्मदा नदी के तो दर्शन मात्र से पाप मुक्त हो जाते हैं. विश्व की एकमात्र नदी है जिस की परिक्रमा होती है. नर्मदा नदी के किनारे करोड़ों तीर्थ हैं और नर्मदा का कंकर कंकर शंकर है. समय-समय पर नर्मदा नदी के किनारे अद्भुत संत प्रगट हुए.
दादा धूनीवाले की कृपा से गुरु जी का जन्म हुआ था और नर्मदा मैया की कृपा से गुरु जी को दादा भगवान ठन ठन पाल मिले.
गुरु जी कहते थे नर्मदा का प्रकाश उत्तर की ओर 12 कोस और दक्षिण की ओर 8 कोस है. गंगा जमुना और सरस्वती तीनों अपने पाप मोक्ष करने नर्मदा से मिलने आती हैं.तारानगर पंछी तीर्थ में नर्मदा का प्रकाश फैला है.
!!संकलन- तारानगर- पंछी तीर्थ!!
ब्रह्मलीन परमहंस संत श्री तूमीवाले दादा जी की जय!!