मनका-38 || ध्यान मूलम गुरु मूर्ति पूजा मूलम गुरु पदम मंत्र मूलम गुरु वाक्यम मोक्ष मूलम गुरु कृपा ||
ध्यान मूलम गुरु मूर्ति पूजा मूलम गुरु पदम मंत्र मूलम गुरु वाक्यम मोक्ष मूलम गुरु कृपा
गुरु पूजन गुरु मंगलम पूजन गुरु पूजन गुरु चरण पूजन गुरु पूजन गुरु ध्यान मूलम गुरु पूजन गुरु मंत्र मूलम गुरु पूजन गुरु वाक्यम गुरु पूजन गुरु मोक्ष मूलम. गुरु की पूजा करने से जीवन में सब मंगल होता है.
गुरु की सात्विक मूर्ति का ध्यान ही ध्यान है. गुरु के चरणों की पूजा ही गुरु की पूजा है. ब्रह्मा विष्णु महेश स्व रूप गुरु के श्री मुख से निकले हुए वाक्य ही मंत्र हैं. गुरु के वाक्य, गुरु के मंत्रों पर चलने से ही मोक्ष प्राप्त होता है.
गुरुजी तुमी वाले कहते थे मोक्ष प्राप्त करना कोई ऐसा है क्या कि गए और गौहरगंज के मोती सेठ हलवाई की दुकान से पेड़े खा लिए. सिर्फ कहने कहने से ही नहीं होता गुरु कि बातों पर चलना भी पड़ता है. हमें तो -तीन जन्म लग गए अपने गुरु की खोज करने को और तुम्हें तो ऐसे ही प्राप्त हो गए! दादा भगवान ने हमें साधना के लिए प्रेरित किया और कहा कि जाओ अपनी साधना के लिए दूर कहीं स्थान खोजो हमारी यहां पूजन होगी.
// सीताराम सीताराम सीताराम सीता //
!!संकलन- तारानगर- पंछी तीर्थ!!
ब्रह्मलीन परमहंस संत श्री तूमी वाले दादा जी की जय!!
दादा भगवान ठन ठन पाल की जय!!
||गुरु -भक्ति -माला – 108||